तब उन्हें जो कपड़े दिए जाते थे उनमें ट्वीड का कोट और उसी का पैण्ट होता था।
4.
दूसरी ओर ट्वीड का पडोसी अमोस स्लेड कॉपर नाम का एक शिकारी कुत्ते का पिल्ला लाता है और उसकी अपने शिकारी कुत्ते चीफ से मिलवाता है।
5.
तुम्हेँ याद है क्या उस दिन की नए कोट के बटन होल मेँ, हँसकर प्रिये, लगा दी थी जब वह गुलाब की लाल कली? फिर कुछ शरमा कर, साहस कर, बोली थीँ तुम, “ इसको योँ ही खेल समझ कर फेँक न देना, है यह प्रेम-भेँट पहली! ” कुसुम कली वह कब की सूखी, फटा ट्वीड का नया कोट भी, किन्तु बसी है सुरभि ह्रदय मेँ, जो उस कलिका से निकली! (फरवरी १९३७, रचना प्रवासी के गीत काव्य सँग्रह से: